जिन्दगी का मूल्य

जिन्दगी का मूल्य 


कानों में इयरफ़ोन लगाकर सड़कों और रेलवे लाइन पर,

चलते हुए अपनी जान क्यों गंवाते हैं लोग ?

शादी की खुशी में लापरवाही से फायर कर,

खुशी के माहौल को गम में क्यों बदल डालते हैं लोग ?

गाड़ियों को तेज रफ़्तार से दौड़ा कर,

अपनी और दूसरों की जान क्यों ले डालते हैं लोग ?

दिन रात ये खबरें आती हैं फिर भी,

क्यों नहीं सावधान और जागरूक हो पाते हैं लोग ?

अपनी और दूसरों की जिन्दगी छीन कर,

अनेक घरों और परिवारों में अँधेरा क्यों कर जाते हैं लोग ?

गुस्से में नियंत्रण खो कर,क्यों दूसरों की हत्या कर देते हैं लोग ?

निराशा और तनाव में आत्महत्या कर,

क्यों अपना मनुष्य जीवन खो देते हैं लोग ?

शराब के नशे में गाड़ी चलाकर,

अनेकों जिंदगियों को क्यों लील जाते हैं लोग ?

ड्राइविंग सीट पर बैठ कर, क्यों सो जाते हैं लोग ?

भागदौड़, जल्दी – जल्दी, इस जल्दबाजी में,

क्यों जानें दाँव पर लगाते हैं लोग ?

समय तो किसी के लिए नहीं ठहरता,

पर समय की जल्दी में,जिन्दगी के समय को

हमेशा के लिए क्यों ठहरा जाते हैं लोग ?

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