श्रुत पंचमी पर्व (शास्त्रों का जन्मदिन)

जिनवाणी लिखे शास्त्रों का जन्मदिन

श्रुत पंचमी पर्व

1

श्रुत पंचमी पर्व

.

2

.

3

Shrut Panchami Parv, श्रुत पंचमी का महत्व, शास्त्रों की सुरक्षा

.

4

Shrut Panchami, श्रुत पंचमी के दिन हमारा कर्तव्य

.

लेखन और hand writing—श्री बसन्त लाल जैन (पूर्व प्राचार्य)

श्रुत पंचमी

श्रुत पंचमी जैन पर्व है पावन, 

पूर्ण हुआ इस दिन प्रथम जैन ग्रन्थ का लेखन

📖 📝 📖

भगवान महावीर के उपदेश और वाणी को आचार्यों ने मौखिक स्मरण किया,

मौखिक ज्ञान के बल पर ही आचरण में उतार लिया ।

🌹🌹🌹🌹🌹

पर काल के प्रभाव से स्मरण शक्ति कम होनी शुरू हुई,

तब आचार्य धरसेन को भगवान की वाणी सुरक्षित करने की चिंता हुई ।

🌺

आने वाले जीवों के कल्याण की भावना हुई,

भगवान की वाणी उन तक पहुँचाने की समस्या खड़ी हुई ।

❓

तब उन्होंने अपने दो शिष्यों, मुनि भूतबलि व मुनि पुष्पदंत को 

भगवान की वाणी लिखने का आदेश दिया,

🍁

आज के ही दिन दोनों शिष्यों ने ‘ षटखंडागम ‘ ग्रन्थ 

की रचना कर इस कार्य को पूर्ण किया ।

💐📖💐

इस दिन से नए नए ग्रन्थों की रचना शुरू हुई,

ग्रन्थों के रूप में भगवान की वाणी सुरक्षित हुई ।

📚📕

ग्रन्थों व शास्त्रों को पढ़कर हमने भगवान की वाणी को जाना,

अपने जैन धर्म और जीव दया को पहचाना ।

🌷

इस दिन शास्त्रों और ग्रन्थों की पूजा की जाती है,

उनकी सुरक्षा और विस्तार की शपथ ली जाती है ।

📖

—-Written by Spring Season

श्रुत पंचमी का पावन पर्व